Wednesday, February 12, 2014


आमरण अनशन पर बैठे 4 कैंडिडेट्स में से 3 की तबीयत बिगड़ रही है।.........

मामला पॉलिटिकल नहीं है इसलिए मीडिया की सुर्खियां भी नहीं बन रहा।.............

क्वालिफाइड केंडीडेट्स की आवाज बेसलैस पॉलिटिकल धमाकों के पीछे ना जाने कहां गायब हो रही है।

यह मामला राहुल गांधी के लिए चुनौती बनता जा रहा हैै...........................

IBPS के PO2 Waiting candidates को पूरे 8 दिन हो गए राहुल गांधी के दरवाजे पर बैठे बैठे, वो अपनी बात राहुल गांधी के सामने रखना चाहते हैं, उन्हे उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा, परंतु समस्या यह है कि राहुल गांधी से उनकी मुलाकात ही नहीं हो पा रही है।इधर आमरण अनशन पर बैठे 3 कैंडीडेट्स की हालत खराब हो गई है।

वो न्याय की गुहार लगा रहे हैं, उनकी बातें लॉजिकल हैं लेकिन पॉलिटिकल नहीं है। वो राहुल गांधी का विरोध नहीं कर रहे, बस अपनी बात रखना चाहते है, शायद इसीलिए उन्हें देश की राजधानी दिल्ली में कोई सपोर्ट भी नहीं मिल रहा। मामला पॉलिटिकल नहीं है इसलिए मीडिया की सुर्खियां भी नहीं बन रहा। क्वालिफाइड केंडीडेट्स की आवाज बेसलैस पॉलिटिकल धमाकों के पीछे ना जाने कहां गायब हो रही है।

आमरण अनशन पर बैठे 4 कैंडिडेट्स में से 3 की तबीयत बिगड़ रही है। विवेक लाभ, सुधांशु शेखर, चंदन और डम्पी सिंह में से सुधांशु और विवेक की तबीयत आज खराब हो गई। इलाज के लिए प्राईवेट डॉक्टर को बुलाना पड़ा। गरिमा सिंह पिछली 3 रातों से फुटपाथ पर बैठी हुई है।

दिनांक 10 फरवरी से IBPS के PO2 Waiting candidates राहुल गांधी के बंगले के सामने फुटपाथ पर आकर बैठ गए थे। तब से वो लगातार राहुल गांधी का इंतजार कर रहे हैं, इनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।

'राजनीति नहीं काजनीति' का नारा देने वाले राहुल गांधी तक इनकी सूचनाएं लगातार पहुंच रहीं हैं परंतु वो इनसे मिलने का समय ही नहीं निकाल रहे हैं। मामला 19000 IBPS के PO2 Waiting candidates का है। आमरण अनशन पर बैठे केंडीडेट्स की हालत बिगड़ती जा रही है। IBPS के PO2 Waiting candidates पूरी तैयारियों के साथ आए हैं या ना तो न्याय लेकर जाएंगे या फिर डटे रहेंगे यहीं पर केंप करेंगे, चाहे कितनी भी कुर्बानियां देनी पड़ें।

यह मामला राहुल गांधी के लिए चुनौती बनता जा रहा हैै। यदि कहीं कोई अनहोनी हो गई तो एन चुनाव से पहले बड़ा कलंक राहुल गांधी के माथे पर लग जाएगा। अब देखना यह है कि युवाओं की तरफदारी और नईसोच वाले युवा नेता राहुल गांधी भारत के इन 19000 युवाओं के मुलाकात करने का समय निकालते हैं या नहीं।


No comments:

Post a Comment